नई दिल्ली 10 जनवरी 2019 । मोदी सरकार ने शीतकालीन सत्र में दो बड़े बिल को पेश कराया। पहला नागरिकता संशोधन बिल और दूसरा सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण का बिल। इन दोनों बिलों को लेकर जमकर हंगामा भी हुआ है। वहीं, नागरिकता संशोधन बिल पारित किए जाने पर भाजपा के अंदर ही फूट पड़ गई। इस बिल के विरोध में असम में भाजपा के प्रवक्ता मेंहदी आलम बोरा ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
बिल के विरोध में भाजपा में फूट
दरअसल, नागरिकता संशोधन बिल को लेकर असम में भाजपा का जमकर विरोध हो रहा है। एजीपी ने इस बिल को लेकर गठबंधन तोड़ लिया है। वहीं, अब भाजपा के भीतर से ही नेता ने बगावती सुर छेड़ दिए हैं। इस बिल पर नाराजगी जाहिर करते हुए मेंहदी आलम बोला ने पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है। आपको बता दें कि भाजपा के भीतर बोरा पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने नागरिकता बिल के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दिया है। बोरा ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
प्रवक्ता ने सभी पदों से दिया इस्तीफा
अपने त्यागपत्र में बोरा ने लिखा है कि मैं नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करता हूं और मुझे लगता है कि इससे सही अर्थों में असम के लोगों को नुकसान पहुंचेगा। यह बिल असम के लोगों के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को प्रभावित करेगा, लिहाजा इस विधेयक का मै हमेशा से पुरजोर विरोध करता आ रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा में इस बिल के पारित होने के बाद मैं भाजपा से सहमत नहीं हूं, लिहाजा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। इस इस्तीफे से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। अब देखना यह है कि असम में भाजपा में अपनी स्थिति कैसे मजबूत करती है।