भोपाल 6 जून 2018 । सोशल मीडिया आज सूचनाओं के आदान प्रदान करने का महत्वपूर्ण जरिया बना| सरकार के कामकाज को बेहतर बनाने और योजनाओं को जनजन तक आसानी से पहुंचाने में सोशल मीडिया लाभदायक सिद्ध हुआ है| लेकिन इस प्लेटफार्म के कई नकारात्मक पहलु भी हैं, जिससे बचने की सलाह अक्सर सरकार और प्रशासन द्वारा दी जाती है| व्हाट्सएप पर भड़काऊ और अश्लील पोस्ट को लेकर पुलिस सख्ती बरतती है, लेकिन जब अधिकारी ही ऐसा करे तो क्या किया जाए|
दरअसल, अधिकारियों के एक ग्रुप में उस समय सनसनी फैल गई जब जबलपुर में पदस्थ वाणिज्य कर विभाग के उपायुक्त ओपी पांडे ने ग्रुप में अश्लील वीडियो भेज दिए। वीडियो इतने अश्लील थे कि उन्हें देखकर हर कोई चौक गया और आपत्ति दर्ज कराने लगा । शर्मनाक बात यह थी कि उस ग्रुप में 60% से ज्यादा महिला सदस्य थी जिन्हें इस हरकत से बेहद तकलीफ हुई और उन्होंने अपनी सख्त नाराजगी जताई। ग्रुप एडमिन ने तत्काल वीडियो और पांडे को ग्रुप से डिलीट कर दिया और अब ग्रुप एडमिन और अन्य सदस्य पांडे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं। वीडियो इतने शर्मसार कर देने वाले है कि हम उन्हे दिखा भी नही सकते|
ऐसा नहीं है कि अधिकारियों द्वारा इस तरह की पोस्ट ग्रुप में डालने का पहला मामला हो, कई बड़े अधिकारी भी यह काम कर चुके हैं, और बाद में इसे जानबूझकर ना की गई गलती बताकर बच गए| इसके बाद भी निरंतर अधिकारियों के ग्रुप में ऐसी घटनाएं आम हो रही है, जिस पर ना तो कोई कार्रवाई होती है और ना कोई लगाम लगाई जाती है|