भोपाल 17 दिसंबर 2018 । मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. कमलनाथ शपथ ग्रहण करने वाले. समारोह की तैयारियां चल रही हैं. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है. दिग्विजय ने आरोप लगाया है कि बीजेपी अब भी जोड़-तोड़ में लगी हुई है और विधायकों से लगातार संपर्क कर रही है.
दिग्विजय ने आरोप लगाया कि बीजेपी के मंत्री जिनका पद छूटा है वो पचा नहीं पा रहे. यही कारण है कि वो आज भी निर्दलीय, बीएसपी, सपा और कांग्रेस तक के विधायकों से संपर्क में लगी है. दिग्विजय ने कहा कि बीजेपी के उनसभी को शर्म आनी चाहिए जो विधायकों के संपर्क में लगे हैं, लेकिन एक भी टूटने वाला नहीं है.
शिवराज के ट्विटर पर खुद को कॉमन मैन लिखने पर दिग्विजय ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें तो चौकीदार लिखना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि वैसे ये अजीब बात है कि नरेंद्र मोदी पद ग्रहण करने के बाद चौकीदार बनते हैं तो शिवराज पद छोड़ने के बाद.
साथ ही दिग्विजय ने शिवराज की आभार यात्रा को आड़े हाथ लिया और कहा कि अच्छा है इस बहाने उन्हें कुछ काम मिल जाएगा. दिग्विजय ने कांग्रेस को जिताने जनता का आभार जताया और कहा कि कमलनाथ पर जिम्मेदारी वचन पत्र के वचन पूरा करने की. कैबिनेट के 10 दिन के अंदर कमलनाथ को ये निर्णय करना चाहिए.
कांग्रेस में नए प्रदेश अध्यक्ष पर कुर्सी की जंग शुरू
भोपाल. मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस अभी ठीक तरह से जश्न भी नहीं मना पाई कि पार्टी के अंदरखाने कुर्सी की जंग शुरू हो चुकी है. एक तरफ सीएम की घोषणा के बाद शुरू हुआ विवाद दिल्ली जा पहुंचा है, वहीं मंत्री पद और प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी लॉबिंग तेजी से चल रही है. यहां भी दिग्गज नेताओं का ही बोलबाला है और जैसे सीएम के लिए कमलनाथ के नाम को दिग्गजों ने आगे बढ़ाया और फिर घोषणा से पहले छाई शांति बाद में तूफ़ान ले आई. अब ठीक ऐसे ही प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा इसके लिए तेजी से चर्चा चल रही है.
लम्बे समय से कांग्रेस सत्ता से बाहर रही, जिसके चलते पदों की लालसा भी बढ़ी है. नेताओं ने जी जान से सरकार बनाने के लिए हर संभव कोशिश की और वनवास ख़त्म करने में सफल रहे. अब पावर में आने के बाद दिग्गज नेता भी अपने को खास पद पर देखना चाहते हैं. हालाँकि खुलकर सभी यही कहते हैं कि उन्हें पद की चाहत नहीं है लेकिन अंदरखाने क्या चल रहा है यह भी छुपा नहीं है. सीएम के तौर पर कमलनाथ के शपथ लेने से पहले सिंधिया को लेकर मचे बवाल के बाद प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पेंच फंस गया है. क्यूंकि पहले ऐसा माना जा रहा था कि कमलनाथ का नाम सीएम के लिए तय होने के बाद किसी ऐसे नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए जिसे संगठन की समझ हो और सर्वमान्य हो ताकि जमीनी स्तर पर पार्टी मजबूती से खड़ी रहे क्यूंकि कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव है और अब हाईकमान की उम्मीदें मध्य प्रदेश से बढ़ गई हैं. लेकिन सिंधिया समर्थकों की जिद के बाद प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में उनका भी नाम को लेकर चर्चा तेज है. लेकिन यह भी जगजाहिर है कि जब सीएम के लिए उम्र आड़े आई तो प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी तो यही फैक्टर बताया जा सकता है. दूसरा अन्य गुट के नेता इसका विरोध कर सकते हैं. दूसरी बड़ी स्तिथि होगी कि दो बड़े पदों पर ताकतवर नेताओं के होने से टकराव की स्तिथि भी बनेगी. इसलिए अन्य नामों पर भी विचार किया जा सकता है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए शुरू हुई इस खींचतान में अजय सिंह का नाम भी तेजी से आगे आ गया है. कमलनाथ के नाम की घोषणा के बाद अजय सिंह के समर्थक भी सक्रीय हो गए हैं और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की मांग कर रहे हैं. हालाँकि अजय सिंह लम्बे समय से कांग्रेस को मजबूत करने में जुटे हैं और शिवराज सरकार के खिलाफ हर मोर्चे पर कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहे और लम्बी लड़ाई लड़ी. जिसके चलते उनको लेकर भी सहमति बन सकती है. उनका नाम इसलिए भी आगे लाया गया है ताकि सिंधिया को रोका जा सके. अंदरखाने इसकी भी चर्चा है कि अगर ऐसे ही विवाद रहा तो दिग्विजय के पास प्रदेश कांग्रेस की कमान जा सकती है. चुनाव में पार्टी हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पार्टी नेताओं के बीच समन्वयक की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसे उन्होंने बखूभी निभाया. चुनाव में जीत के बाद पार्टी सरकार बनाने जा रही है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी दिग्विजय की अहम भूमिका रही है. क्योंकि 30 से ज्यादा विधायक दिग्विजय सिंह के समर्थक माने जा रहे हैं. इसलिए एक बार फिर दिग्विजय का जलवा शुरू हो गया है. हालाँकि उनके साथ कई विवाद भी जुड़े हैं जिससे नुकसान भी हो सकता है. वहीं अगर स्तिथि बिगड़ी तो सिंधिया भी खुद अपने करीबी नेता का नाम आगे बढ़ा सकते हैं, जिनमे रामनिवास रावत शामिल हैं . इसके अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, जीतू पटवारी के नाम भी चर्चा में हैं, फिलहाल इस मामले में संगठन टिप्पणी करने से बच रहा है, जो भी फैसला होगा आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही होगा ताकि कमलनाथ के साथ नया प्रदेश अध्यक्ष बेहतर समन्वय के काम कर सके और ज्यादा से ज्यादा सीटें जीता सके. सीएम के लिए सिर्फ दो नामों में लड़ाई थी, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के दौड़ में कई दिग्गजों के नाम सामने आने के बाद पेंच फंस गया है.
शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार की जांच के लिए जन आयोग बनेगा- कमलनाथ
कमलनाथ सरकार, शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार की जांच के लिए जन आयोग बनाएगी. कमलनाथ ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा ये कोई बदले की भावना नहीं है. हम उन्हें oppose नहीं expose करना चाहते हैं.
कमलनाथ ने कहा हम सारे घोटाले जनता के सामने रखेंगे.जन आयोग में बड़े वकील, पत्रकार और एनजीओ रहेंगे.कोई राजनैतिक दल उस जन आयोग में शामिल नहीं होगा ताकि निष्पक्ष जांच हो सके. व्यापम और ई टेंडरिंग बड़े घोटाले हैं वो सब जनता के सामने आएंगे.
कमलनाथ ने बातचीत में आगे कहा शपथ ग्रहण समारोह में मायावती. ममता बैनर्जी, चंद्रबाबू नायडू और अखिलेश यादव को न्यौता दिया है. हम सबको बुला रहे हैं. इसमें कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है. मेरे इन सबसे पुराने रिश्ते हैं. ये विपक्ष की एकता की नुमाइश है. एनडीए सरकार से हर वर्ग परेशान है. इसलिए गठबंधन की ज़रूरत है. हमने बहनजी, चंद्रबाबू नायडू, अखिलेश यादव सबको न्यौता भेजा है.
कमलनाथ ने कहा, तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत ने महागठबंधन को ताक़त दी है. पांच-शून्य का आंकड़ा हमें ताकत़ दे रहा है.देश की जनता ग़रीब है. सरल स्वभाव की है,मगर समझदार है. वो ठगा जाना नहीं चाहती.
कमलनाथ ने कहा हमारी सरकार की प्राथमिकता किसानों का क़र्ज़ा माफ़ करना है. दस दिन में जो बैंकों का क़र्ज़ स्टेट गवर्ममेंट ले लेगी. बेरोज़गारी दूर करने के लिए रोज़गार के नये मौके बनें, हमें ये देखना होगा. मंदिर मस्जिद में जाकर रोज़गार के मौके नहीं बनते. ये तब बनते हैं जब निवेश आए और निवेश तब आता है जब विश्वास हो. आज किसी को एमपी पर भरोसा नहीं है. investment attract करने की हम नीतियाां बनाएंगे.
कमलनाथ ने कहा सब बार-बार छिंदवाड़ा मॉडल का उदाहरण देते हैं, अब वही छिंदवाड़ा मॉडल प्रदेश के हर ज़िले में दिखेगा. हर ग्राम पंचायत में गौ शाला बनायी जाएगी. ये देश की भावना की बात है,इसमें कोई राजनीति नहीं है.
कमलनाथ ने कहा शिवराज से ये चूक हुई कि उन्होंने इस प्रदेश को सही पहचाना नहीं. आज हमारा एमपी किसानों की आत्महत्या, बेरोज़गारी , भ्रष्टाचार और बलात्कार में नंबर वन है.
शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि अब वो चौकीदारी करेंगे. इस पर कमलनाथ ने कहा शिवराज बिलकुल चौकीदारी करें. एक चौकीदार मोदीजी बनकर आए थे, अब ये दूसरे चौकीदार बनना चाहते हैं तो स्वागत है उनका.
रफाल मामले में कमलनाथ ने कहा फ़्रांस में इसकी जांच चल रही है. फ़्रांस के राष्ट्रपति ने कहा,हमने नहीं कहा. तब हमने सोचा कि कुछ घपला है.
सीएम पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की दावेदारी पर कमलनाथ बोले कि हमने साथ मिलकर सात महीने काम किया और आगे भी काम करेंगे. सबका अपना वज़न और उपयोग है. चाहे सिंधिया हों या दिग्विजय सिंह या अरुण यादव और सुरेश पचौरी.आज कांग्रेस को सबकी ज़रूरत है. मेरा सौभाग्य है कि बीते सात महीने में कांग्रेस में कोई गुटबाज़ी नहीं थी.
कमलनाथ ने ज़ोर देकर ये बात कही कि बुनियादी तौर पर कमल नाथ और शिवराज सरकार में ये फ़र्क़ होगा कि हम भ्रष्टाचार ख़त्म करेंगे. भ्रष्टाचार गांव से शुरू होता है. गांव से शुरू होकर भ्रष्टाचार भोपाल तक पहुंचता हैं.नाम दर्ज कराने के लिए भी पैसे लगते हैं.