नई दिल्ली 2 दिसंबर 2018 । संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लगभग 1.20 लाख बच्चे और किशोर एचआईवी संक्रमण से पीड़ित हैं। यह आंकड़ा 2017 तक का है और दक्षिण एशिया के किसी देश में एचआईवी पीड़ित बच्चों और किशोरों की सर्वाधिक संख्या है। विश्व संस्था की यह रिपोर्ट गुरुवार को ‘बच्चे, एचआईवी और एड्स : 2030 में दुनिया’ शीर्षक से जारी की गई।
दूसरे स्थान पर पाकिस्तान
देश एचआईवी पीड़ित बच्चों की संख्या
पाकिस्तान 5800
नेपाल 1600
बांग्लादेश 1000 से कम
दुनिया का हाल
30 लाख एचआईवी पीड़ित हैं फिलहाल दुनियाभर में
19 साल व इससे कम उम्र के लोगों का है यह आंकड़ा
02 लाख और बढ़ सकता है यह आंकड़ा 2030 तक
लड़ाई जारी
40% कमी आई है मां से बच्चे के संक्रमित होने में बीते आठ साल में
50% बच्चे एड्स से मरने वाले, पांच साल की उम्र तक पहुंच नहीं पाते
65% से अधिक लड़कियां होती हैं एचआईवी से संक्रमित किशोरों में
दक्षिण एशिया का प्रयास
43% कम हुई पांच साल तक के उम्र में संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या साल 2010 के मुकाबले
35% है पांच वर्ष तक के उम्र में संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या में कमी का अंतरराष्ट्रीय आंकड़ा
73% था शून्य से 14 वर्ष के जीवनरक्षक एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) पा रहे पीड़ितों का हिस्सा
50% अधिक है जीवनरक्षक एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी पाने वाले पीड़ितों की यह संख्या 2010 के मुकाबले
चेतावनी
-80 किशोरों की मौत रोजाना सकती है 2030 तक, यदि संक्रमण तेजी से रोका नहीं गया
-14 लाख कमी लाने का लक्ष्य है साल 2030 तक एचआईवी संक्रमित बच्चों की संख्या में
हमारी रिपोर्ट से साफ है कि साल 2030 तक बच्चों और किशोरों के बीच एड्स को खत्म करने के दुनिया के प्रयास पटरी पर नहीं हैं।