नई दिल्ली 17 जनवरी 2019 । मध्य प्रदेश के सांसद सांसद निधि खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए हैं. सांसदों को 5 साल के लिए सरकार पैसे देती है लेकिन प्रदेश के सिर्फ 9 सांसदों ने ही विकास कार्यों पर अपना पूरा पैसा खर्च किया, बाकी 20 सोचते ही रह गए.
सांसदों को विकास कार्यो के लिए पांच साल में हर साल पांच करोड़ रुपए मिलते हैं. 5 साल ख़त्म होने को हैं लेकिन सांसदों के खाते में डाले गए ये पैसे अब तक ख़त्म नहीं हुए. सांसदों के खर्च को लेकर केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी की है. इसमें 9 सांसद तो पास हैं बाकी 20 फेल हैं. जिन 9 सांसदों ने विकास कार्यों पर अपना पैसा खर्च किया उनमें से 7 बीजेपी के हैं और 2 कांग्रेस के.
पूरी सांसद निधि खर्च करने वाले सांसद-
1..सुमित्रा महाजन(इंदौर)–25 करोड़
2…सावित्री ठाकुर(धार)–25 करोड़
3..मनोहर ऊंटवाल(देवास)–25 करोड़
4…गणेश सिंह(सतना)–25 करोड़
5..प्रह्लाद पटेल(दमोह)-25 करोड़
6..लक्ष्मीनारायण यादव(,सागर)-25 करोड़
7…बोध सिंह भगत(बालाघाट)-25 करोड़
8..कमलनाथ(छिंदवाड़ा)—25 करोड़
9…ज्योतिरादित्य सिंधिया(गुना)—-25 करोड़
सबसे कम राशि खर्च करने वाले सांसद
कांतिलाल भूरिया-12.50 करोड़
ज्ञान सिंह शहडोल-12.50 करोड़
आलोक संजर(भोपाल)-15 करोड़
ज्योति ध्रुवे(बैतूल)-15 करोड़
फग्गन सिंह कुलस्ते(मंडला)-17.50करोड़
नरेंद्र सिंह तोमर (ग्वालियर)-15 करोड़
रीति पाठक(सीधी)-20 करोड़
राकेश सिंह(जबलपुर)-20 करोड़
सुधीर गुप्ता(मंदसौर)-20 करोड़
नंदुकमार सिंह चौहान(खंडवा)-20 करोड़
सांसदों को ये पैसा उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए दिया जाता है. सांसद अपनी मर्ज़ी से पैसा खर्च कर सकते हैं. प्रशासन के उपयोगिता प्रमाण पत्र के आधार पर ही राशि खर्च की जाती है. साल में दो बार ये राशि जारी की जाती है.