नई दिल्ली 3 जुलाई 2018 । जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षाबलों पर पथराव एक बड़ी समस्या है, जिससे सुरक्षाकर्मियों को आए दिन जूझना पड़ता है। पथराव करने वालों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हो रही हैं, जिनसे निपटना सुरक्षाबलों के लिए एक तरह की चुनौती बनती जा रही है। ऐसे में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने इनसे निपटने के लिए खास रणनीति बनाई है। सीआरपीएफ ने कश्मीर में सुरक्षाबलों पर पथराव की घटनाओं में शामिल महिलाओं से निपटने के लिए एक खास टीम तैयार की है, जिन्हें कड़ा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह महिला कमांडो की टीम है, जिन्हें घाटी में पत्थरबाजों से निपटने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके लिए उन्हें खास तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और बताया जा रहा है कि अचानक आने वाली ऐसी परिस्थितियों से वे कैसे निपटें।
सीआरपीएफ की महिला कमांडो टीम को आंखों पर पट्टी बांधकर आने वाले खतरों से आगाह करने और उनसे मुकाबले के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही उन्हें रात के समय होने वाली ऐसी घटनाओं से दो-चार होने की स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों और इस दौरान हथियारों में आने वाली किसी भी खराबी को एक मिनट के अंदर दूर कर लेने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
घाटी में पिछले साल सुरक्षाबलों पर पथराव करती महिलाओं की एक तस्वीर खूब सुर्खियों में रही थी, जिसे कश्मीर में सुरक्षाबलों के खिलाफ यहां की युवतियों के आक्रोश के तौर पर पेश किया गया। उनमें से एक की पहचान बाद में अफशांं आशिक के तौर पर की गई, जो बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी निकलीं। बाद में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से उनकी मुलाकात भी राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में रही थी, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर इस खेल में नाम कमाने की इच्छा जताई थी।कश्मीर में पथराव की घटनाओं में अब तक कई लोग हताहत हो चुके हैं।
बीते 07 मई को नारबल इलाके में ऐसी ही एक घटना में चेन्नई के 22 वर्षीय पर्यटक आर. तिरुमणि की जान चली गई थी। इससे पहले 02 मई को भी पत्थरबाजों ने शोपियां जिले के जवूरा गांव में स्कूली बच्चों से भरी एक बस पर हमला कर दिया था। 30 मई को अनंतनाग में पर्यटकों के वाहनों को निशाना बनाकर किए गए पथराव में सात पर्यटक घायल हो गए थे। पिछले साल खुफिया ब्यूरो (IB) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) ने घाटी में अस्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को 800 करोड़ रुपये दिए।